simple sanskrit
G S S Murthy's blog in Sanskrit
Monday, December 16, 2019
कृष्ण!
कृष्ण!
उपयासि
तमसि
राधां
रजसा
लि
प्तश्च
चरसि
गोपालः
।
पुलिनेषु
पङ्किलस्त्वं
तथापि
सत्त्वगुणपू
र्णः किम्
॥
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