simple sanskrit
G S S Murthy's blog in Sanskrit
Saturday, July 25, 2015
Sanskrit blog: An Ode to the Scientific Spirit-32
विज्ञानसंस्कृतिः-३२
चलदूरवाण्यैव कर्षका वणिजश्च
कर्मकाराः स्वकार्यार्थमविरतमहो
सर्वत्र लीलया संलापमग्ना हि
वैद्युतान्तर्जालतन्त्रेण जगदिदं
करतलामलकवत् ज्ञानगोचरमभूत्
तज्ज्ञानसंस्कृतेस्ताडयत जयडिंडिमम् ॥ ३३ ॥
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